सरकार फिटनेस इण्डस्ट्री को टैक्स फ्री करे एवं आगामी 6 माह तक बिजली के मिनीमम डिमांड चार्ज में छूट देइन्द्रजीत सिंह राठौड जनरल मैनेजर, नुयु हैल्थ क्लब, जयपुर।
भारत में फिटनेस इण्डस्ट्री का कारोबार लगभग 5 हजार करोड़ सालाना है लेकिन कोरोना महामारी से हुए नुकसान से यह व्यवसाय भी अछूता नहीं रहा है। यदि गत 3 माह में हुए नुकसान की बात करे तो देश की फिटनेस इण्डस्ट्री को भी लगभग एक हजार करोड का भारी नुकसान झेलना पड़ा है यह कहना है जयपुर के नुयु हैल्थ क्लब के जनरल मैनेजर इन्द्रजीत सिंह राठौड का।राठौड कहते है, हालांकि कोरोना महामारी में इम्यूनिटी बढ़ाने की बातें की जा रही है लेकिन लॉकडाउन के कारण देश के सभी जिमों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है। हालांकि यह उद्योग अभी और नुकसान झेलेगा क्योंकि यदि लॉकडाउन में जिम खोल भी दिए जाएंगे तब भी लोग कोरोना की वैक्सीन या दवा आने तक भयवश जिमों में व्यायाम नहीं करेंगे। यह उद्योग रोजमर्रा के खर्चों के कारण भी काफी नुकसान में जा रहा है। यही नहीं कोरोना के कारण राजस्थान में ही 20 से 25 हजार टे्रनर्स इफैक्ट हुए है जिन के पास आज करने को कोई काम नहीं है।फिटनेस इण्डस्ट्री एक अनऑर्गनाइज सेक्टर है एवं इस उद्योग का बिजनेस एसओपी भी नहीं होने के कारण सरकारों को इस इण्डस्ट्री को वापिस उठाने हेतु गंभीरता से विचार करना चाहिए। भारत सरकार ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ शुरू करने के तुरंत बाद ‘फिट इण्डिया मूवमेंट’ की शुरूआत की थी लेकिन सरकार द्वारा जिम फीस पर लिए जा रहे 18 प्रतिशत टैक्स सीधे जनता पर भार डालना है। हमारा सरकार से आग्रह है कि वह फिटनेस इण्डस्ट्री को भी अन्य उद्योगों की तरह समझे एवं आम आदमी के स्वास्थ्य के प्रति लिये जा रहे 18 प्रतिशत टैक्स में छूट देवे साथ ही कोरोना से हुए नुकसान की भरपाई हेतु आगामी 6 माह तक बिजली के मिनीमम डिमांड चार्ज में छूट प्रदान करे और एक पॉलिसी बनाकर लॉकडाउन में जिमों को खोलने की छूट देवे जिससे इस उद्योग को भी संबल मिल सके